Facts About bhoot wala kahani Revealed

उसने मुझे दूर से इशारा किया। मैं यह सोच रहा था कि इतनी रात में ये यहाँ क्या कर रहा है? पर खेर छोड़ो मैं तो बड़ा खुश था कि कम से कम मुझे कोई साथी तो मिल गया। अब मेरा डर कम हो गया है क्योंकि इस सन्नाटे में चुप्पी तोड़ने के लिए कोई तो है मेरे साथ।

मेरा घर बस थोड़ी ही दुरी पर था। पर अब वो एक दूसरा रास्ता लेके खेतो की तरफ बढ़ने लगा। मैंने उसको कहा अरे भाई कहा जा रहे है हो, कब से देख रहा हूँ, बड़े ही चुप हो और ये खेतो की तरफ कहा जा रहे हो?

बेटे की मौत के कुछ समय बाद थॉमस के घर दो बेटों और एक बेटी का जन्म हुआ और कुछ ही समय बाद एक गंभीर बीमारी की चपेट में आकर उसकी पत्नी का देहांत हो गया. कुछ सालों बाद जब उनके बड़े बेटे का तलाक हुआ तो इस सदमे को सहन ना कर पाने के कारण उनके बड़े बेटे ने आत्महत्या कर ली.

राजू ने खुशी से भरा हुआ हृदय के साथ खिलौना समझाया, “तुम मेरी पूरी जिंदगी को रंगीन और सुखद बना सकते हो?

मेरी आवाज़ सुन कर गाँव के बहुत से लोग जग गये और मेरी तरफ दौड़कर आने लगे। जब वो मेरे पास आये। तब तक मैं बेहोश हो चुका था। सुबह जब मुझे होश आया तो मैं अपने घर पर था। मुझे उठा देख सब घर वाले मेरे पास आये और बोले तुम ठीक हो, तुम्हें क्या हो गया था?

भूतों के गुरुजी अपने असली भूतिया रूप में आ गए और पहलवान से माफी मांगी। पहलवान गुरु जी से पूछता है - उनको छोड़ने के बदले उनकी क्या सजा होगी। गुरुजी ने अपने आप ही स्वीकार कर लिया कि जितना राशन पहलवान के घर पर आता है अब उसका दुगना राशन पहलवान के घर पर भिजवा दिया जाएगा। जिसके पास बाद पहलवान गुरुजी को छोड़ देता है। 

सभी भूत पहलवान से पीपल के पेड़ को हटाने का कारण पूछते हैं। 

हिंदुओं में गोमांस और मुसलमानों में पोर्क पूरी तरह प्रतिबंध‍ित है। लिहाजा सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। इसी विद्रोह के दौरान मेजर चार्ल्स बर्टन और उसके दो जुड़वां बेटे कोटा रेजीडेंसी में रहते थे। *** भवन के सेंट्रल हॉल में हुआ नरसंहार *** सिपाहियों ने विद्रोह की जंग छेड़ दी और ब्रिज भवन को घेर लिया। उस वक्त मेजर बर्टन की सुरक्षा में महज एक ऊंट-चालक था। सिपाहियों के गुस्से को देख मेजर के दोनों बेटे ऊपर के माले पर चले गये और चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांगने लगे।

पहलवान - यह सब तुम लेते जाओ अब यह मेरे किसी काम की नहीं है। अब मैं अपने ससुराल चला खातिरदारी करवाने।

बच्चे अगर शरारती हों, तो उन्हे समझाना किसी भी माता-पिता के लिए कोई जंग जीतने से कम नहीं होता। ऐसे बच्चों की शरारतें कम करने का एक तरीका है भूतिया कहानियां। डरावनी कहानियां बच्चों के लिए मनोरंजन का अच्छा जरिया साबित होती है। 

Namrata Joshi on the Hindu wrote the film "floats together swimmingly and perches promisingly properly on the interval till the curse of the next 50 percent will get to afflict it severely."[seventeen] Ronak Kotecha bhoot ka kahani on the Periods of India gave the movie 2.5 stars out of five stating which the movie "isn’t convincing enough to produce your wait worthwhile. For a horror film, ‘Bhoot Portion 1 the Haunted Ship’ falls short of sending chills down your backbone.

 अचानक से कोई मेरे ऊपर बैठ गया और जोरजोर से मेरा गला दबाने लगा। पूरा शरीर भारी!! कोई मेरे ऊपर बैठा है और गर्दन दबा रहा है!! लेकिन मैं चिल्लाने की कोशिश करूं लेकिन बोल नहीं पा रहा। बहुत डर गया था। वह अनदेखी ताकत लगातार मेरे गले को दबा रही थी। मुझे याद आया कैसे मैं भूत को बहुत कुछ कह गया। मैंने मुश्किल से उसे बोला" माफ करदे भाई , वह बच्चा डरा हुआ था , उससे हिम्मत देने के लिए तुझे बहुत कुछ कह गया!

गोवा का नाम सुनते ही आपको गोवा के सुंदर बीच और होटल में मौज और मस्ती याद आयेगी

किसी तरह उसने दस्ताने उतारे और अपने हाथ की ओर देखा। अब उसका हाथ लाल हो गया.

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